पिछले कई दिनों से गांव में वंशावली अपडेट करने का कार्य जोर शोर से चल रहा है। इस कार्य हेतु गांव के रावजी इंदरसिंह गांव में कई दिनों से घर घर जाकर हर परिवार में जन्में शिशुओं व गांव में शादी के बाद आई बहुओं का नाम मय उनके परिवार, गोत्र, कुल आदि के विवरण सहित जोड़कर वंशावली अपडेट के कार्य में जुड़े है।
उनके इस कार्य से खुश होकर ग्रामीण रावजी की जहाँ बढ़िया आवभगत कर रहे है वहीँ उन्हें अच्छी खासी दक्षिणा भी दे रहे है। जयपुर जिले के आसलपुर गांव के स्व. अमर सिंह गिरधर के पुत्र इंद्र सिंह गांव की वंशवाली को सहेजते है। इनके पूर्वज पीढ़ियों से वंशावली सहेजने के कामों से जुटे है। राव जी इंद्र सिंह से 9602237366 पर संपर्क कर अपनी वंशावली व इतिहास की जानकारी ली जा सकती है।
Apr 25, 2016
Dec 30, 2015
मदन बेनीवाल की दूकान पर बेचा जा रहा था रिफाइंड के नाम सस्ता पाम आयल
गांव में पले-बढे, गांव में छोटीसी दूकान से मोटा धन कमाकर बड़ा दुकानदार बने मदन बेनीवाल की पिछली दिनों असलियत सामने आई जब पूर्व सरपंच श्री महावीर सिंह जी की शिकायत पर खाद्य निरीक्षक रतन लाल गोदारा ने छापा मारकर कार्यवाही के लिए बेनीवाल की दूकान पर बेचे जा रहे नकली तेल के सेम्पल लिए|
ज्ञात हो पिछले दिनों हुई इस छापामारी में पाया गया कि मदन बेनीवाल रिफाइंड तेल के नाम पर डिब्बा बंद सस्ता और घटिया पाम आयल बेच रहा था. इस तरह से मदन बेनीवाल ने धन कमाने के लिए गांव वालों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए उस गांव से गद्दारी की जिस गांव से वह कमाई कर अमीर बना है| बेनीवाल के इस घृणित कृत्य से गांव वालों को अब समझ आया कि कैसे मदन बेनीवाल गांव के अन्य दुकानदारों के बजाय ज्यादा कमाने में सफल रहा| अब तक गांव में बेनीवाल की छवि थी लेकिन इस छापेमारी व ठगी के उसके कृत्य से गांव में उसकी छवि को गहरा आघात पहुंचा है और अब गांव वाले किसी भी दुकानदार पर भरोसा नहीं कर पा रहे आखिर बेनीवाल गांव वालों द्वारा किये भरोसे के साथ विश्वासघात किया है|
ज्ञात हो पिछले दिनों हुई इस छापामारी में पाया गया कि मदन बेनीवाल रिफाइंड तेल के नाम पर डिब्बा बंद सस्ता और घटिया पाम आयल बेच रहा था. इस तरह से मदन बेनीवाल ने धन कमाने के लिए गांव वालों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए उस गांव से गद्दारी की जिस गांव से वह कमाई कर अमीर बना है| बेनीवाल के इस घृणित कृत्य से गांव वालों को अब समझ आया कि कैसे मदन बेनीवाल गांव के अन्य दुकानदारों के बजाय ज्यादा कमाने में सफल रहा| अब तक गांव में बेनीवाल की छवि थी लेकिन इस छापेमारी व ठगी के उसके कृत्य से गांव में उसकी छवि को गहरा आघात पहुंचा है और अब गांव वाले किसी भी दुकानदार पर भरोसा नहीं कर पा रहे आखिर बेनीवाल गांव वालों द्वारा किये भरोसे के साथ विश्वासघात किया है|
Jan 9, 2015
श्रमिक समस्या
देश में बेरोजगारी की दर भले कितनी ही बढ़ रही हो, लेकिन गांवों में हालात यह है कि किसी भी छोटे मोटे काम यथा- निर्माण, कृषि आदि के लिए श्रमिकों की जबरदस्त कमी है|
भगतपुरा भी इस श्रमिक समस्या से अछूता नहीं है, यहाँ भी घर की पुताई करवानी हो, खेती बाड़ी के काम करवाने हो, निर्माण कार्य करवाना हो मजदूरों की भारी कमी है| जबकि ऐसा नहीं है कि गांव में बेरोजगार युवक नहीं है| पुरे देश की तरह गांव में भी बेरोजगारी की समस्या है पर हर बेरोजगार को कुर्सी वाली नौकरी चाहिए कोई भी मेहनत नहीं करना चाहता और जो लोग मेहनती है, उन्हें मजदूरी करने से फुर्सत नहीं मिलती| उनकी हर तरफ मांग है|
गांव में छोटू सिंह एक ऐसा ही मेहनतकश युवा है जिसकी हर तरफ डिमांड है, कोई उससे खेजड़ी कटवाना चाहता है तो कोई पुताई | यही नहीं छोटू सिंह किसी एक काम का पूरा नहीं कर पाता उससे पहले सुबह सुबह उसे कोई दूसरा व्यक्ति घर से पकड़ अपने यहाँ काम पर ले जाने को पहुँच जाता है| छोटू सिंह के कार्य की मांग देखते हुए साफ़ लग रहा है कि आने समय में श्रम का कार्य करने वालों की सबसे ज्यादा पूछ होगी, उन्हें मुंह माँगा पारिश्रमिक दिया जायेगा|
भगतपुरा भी इस श्रमिक समस्या से अछूता नहीं है, यहाँ भी घर की पुताई करवानी हो, खेती बाड़ी के काम करवाने हो, निर्माण कार्य करवाना हो मजदूरों की भारी कमी है| जबकि ऐसा नहीं है कि गांव में बेरोजगार युवक नहीं है| पुरे देश की तरह गांव में भी बेरोजगारी की समस्या है पर हर बेरोजगार को कुर्सी वाली नौकरी चाहिए कोई भी मेहनत नहीं करना चाहता और जो लोग मेहनती है, उन्हें मजदूरी करने से फुर्सत नहीं मिलती| उनकी हर तरफ मांग है|
गांव में छोटू सिंह एक ऐसा ही मेहनतकश युवा है जिसकी हर तरफ डिमांड है, कोई उससे खेजड़ी कटवाना चाहता है तो कोई पुताई | यही नहीं छोटू सिंह किसी एक काम का पूरा नहीं कर पाता उससे पहले सुबह सुबह उसे कोई दूसरा व्यक्ति घर से पकड़ अपने यहाँ काम पर ले जाने को पहुँच जाता है| छोटू सिंह के कार्य की मांग देखते हुए साफ़ लग रहा है कि आने समय में श्रम का कार्य करने वालों की सबसे ज्यादा पूछ होगी, उन्हें मुंह माँगा पारिश्रमिक दिया जायेगा|
Dec 28, 2014
सरकार सरपंच ग्राम सेवक से वसूलेगी सोलर लाईट में खर्च धन
गांव में विभिन्न स्थानों पर ग्राम पंचायत ने सोलर स्ट्रीट लाईट लगाईं थी| इन लाइट्स में से ज्यादातर लाइट्स कुछ ही माह बाद ख़राब होकर बंद हो गयी| लाइट्स पर लिखे कम्पनी के टोल फ्री नंबर पर फोन लगाने पर बंद मिला| सरपंच व ग्राम सेवक से भी कई बार अनुरोध करने के बाद इन लाइट्स को ठीक करवाने हेतु कोई कदम नहीं उठाया गया|
इस बीच पता चला कि इन लाइट्स की खरीद में भी घोटाला किया गया है| कम्पनी से सीधे मूल्य सूची मांगने पर कम्पनी ने 14500 रूपये प्रति लाईट कीमत बताई जबकि ग्राम सेवक से मिली जानकारी के आधार पर ग्राम पंचायत ने ये लाइट्स 21700 रूपये प्रति लाईट खरीदी थी| इस तरह इन लाइट्स की खरीद में भारी घोटाला किया गया|
जिला परिषद को विभिन्न पंचायतों द्वारा सोलर लाइट्स में घोटाला किये जाने की जानकारी मिलने के बाद जांच कर जिले की 121 ग्राम पंचायतों को दोषी पाया| जिनमें सामी ग्राम पंचायत भी दोषी पाई गई और जिला परिषद अधिकारी द्वारा सामी ग्राम पंचायत सहित 121 ग्राम पंचायत सरपंचों व ग्राम सेवकों को अपनी जेब से इन पर खर्च हुआ धन जमा कराने का नोटिस दिया गया साथ ही यह भी कहा गया कि समय पर यह धन राजकोष में जमा नहीं कराने वालों के यहाँ कुड़की की कार्यवाही की जायेगी|
इस बीच पता चला कि इन लाइट्स की खरीद में भी घोटाला किया गया है| कम्पनी से सीधे मूल्य सूची मांगने पर कम्पनी ने 14500 रूपये प्रति लाईट कीमत बताई जबकि ग्राम सेवक से मिली जानकारी के आधार पर ग्राम पंचायत ने ये लाइट्स 21700 रूपये प्रति लाईट खरीदी थी| इस तरह इन लाइट्स की खरीद में भारी घोटाला किया गया|
जिला परिषद को विभिन्न पंचायतों द्वारा सोलर लाइट्स में घोटाला किये जाने की जानकारी मिलने के बाद जांच कर जिले की 121 ग्राम पंचायतों को दोषी पाया| जिनमें सामी ग्राम पंचायत भी दोषी पाई गई और जिला परिषद अधिकारी द्वारा सामी ग्राम पंचायत सहित 121 ग्राम पंचायत सरपंचों व ग्राम सेवकों को अपनी जेब से इन पर खर्च हुआ धन जमा कराने का नोटिस दिया गया साथ ही यह भी कहा गया कि समय पर यह धन राजकोष में जमा नहीं कराने वालों के यहाँ कुड़की की कार्यवाही की जायेगी|
Apr 6, 2014
गांव में जल्द रुकने लगेंगी रोड़वेज की द्रुतगामी बसें
एक साल से भी ज्यादा समय पहले सूबेदार मूलसिंह जी के प्रयासों से राजस्थान पथ परिवहन निगम ने गांव के बस स्टेंड पर सभी द्रुतगामी बसों को रुकने का आदेश दिया था, उपरोक्त आदेश में सीकर आगार को गांव की किराया सूची निर्धारित करने के साथ अन्य आगारों की एक्सप्रेस बसों को भगतपुरा में रुकवाने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन राजस्थान रोड़वेज के कमचारियों की लापरवाही का नतीजा देखिये कि जोनल मैनेजर द्वारा व्यक्तिगत रूप से रूचि लेने के बावजूद कर्मचारियों ने एक साल से ज्यादा समय बीतने के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया|
एक तरह राजस्थान रोड़वेज घाटे का रोना रोती रहती है वहीं दूसरी और उसके लापरवाह कर्मचारियों की लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते निगम को घाटा उठाना पड़ता है साथ ही यात्रियों को घंटों बसों का इन्तजार करना पड़ता और बसें एक्सप्रेस के नाम पर खाली दौड़ती रहती है|
पिछली एक साल में पूर्व उपसरपंच राजकुमार शर्मा के साथ ग्रामीण कई बार अधिकारीयों से मिले और अपनी समस्या बताई पर फिर भी कर्मचारियों के कानों पर जूं नहीं रैंगी|
२ अप्रेल को भी पूर्व सरपंच महावीर सिंह व रतन सिंह ने सीकर जोनल मैनेजर से मिलकर यह मुद्दा उठाया तो वो भी हैरान थे कि महीनों पहले दिए उनके निर्देश का पालन नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत जिम्मेदार कर्मचारी को बुलाकर हिदायत दी कि - भगतपुरा बस स्टेंड पर द्रुतगामी बसों को रोकने की कार्यवाही सात दिन के भीतर हो जानी चाहिये|
ग्रामीणों की इस समस्या के लिए दैनिक भास्कर अख़बार ने आवाज उठाई जिसके लिए सभी ग्रामवासी की और दैनिक भास्कर के सीकर संपादक व संवाददाता का हार्दिक आभार|
एक तरह राजस्थान रोड़वेज घाटे का रोना रोती रहती है वहीं दूसरी और उसके लापरवाह कर्मचारियों की लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते निगम को घाटा उठाना पड़ता है साथ ही यात्रियों को घंटों बसों का इन्तजार करना पड़ता और बसें एक्सप्रेस के नाम पर खाली दौड़ती रहती है|
पिछली एक साल में पूर्व उपसरपंच राजकुमार शर्मा के साथ ग्रामीण कई बार अधिकारीयों से मिले और अपनी समस्या बताई पर फिर भी कर्मचारियों के कानों पर जूं नहीं रैंगी|
२ अप्रेल को भी पूर्व सरपंच महावीर सिंह व रतन सिंह ने सीकर जोनल मैनेजर से मिलकर यह मुद्दा उठाया तो वो भी हैरान थे कि महीनों पहले दिए उनके निर्देश का पालन नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत जिम्मेदार कर्मचारी को बुलाकर हिदायत दी कि - भगतपुरा बस स्टेंड पर द्रुतगामी बसों को रोकने की कार्यवाही सात दिन के भीतर हो जानी चाहिये|
ग्रामीणों की इस समस्या के लिए दैनिक भास्कर अख़बार ने आवाज उठाई जिसके लिए सभी ग्रामवासी की और दैनिक भास्कर के सीकर संपादक व संवाददाता का हार्दिक आभार|
Dec 26, 2013
विधानसभा चुनाव : गांव के पोलिंग बूथ पर भारी रही भाजपा
राज्य में हाल ही सम्पन्न हुये विधानसभा चुनावों में गांव में भाजपा का पलड़ा भारी रहा, हालाँकि गांव के अधिसंख्य मतदाता भाजपा का पारम्परिक वोट बैंक है फिर भी पिछले चार चुनावों में लगातार माकपा की जीत के चलते गांव में भाजपा के काफी पारम्परिक वोट माकपा की और खिसक गये थे, वैसे भी इन चुनावों से पहले हुये ज्यादातर चुनावों में भाजपा यहाँ तीसरे स्थान पर होने के कारण भी उसके पारम्परिक वोट अन्य पार्टियों की और खिसके गये थे|
इस बार राज्य चुनावों में चली मोदी लहर का असर गांव में भी व्यापक पैमाने में देखने को मिला, पिछले चुनावों में भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन वर्मा द्वारा आशा के विपरीत ज्यादा वोट प्राप्त करने के कारण भी इस बार भाजपा का खिसका पारम्परिक वोट फिर भाजपा के पक्ष में जीत की उम्मीद कर आ जुटा| और यही कारण था कि इस बार गांव में भाजपा के पक्ष में लहर साफ़ दिखाई दे रही थी| हालाँकि माकपा कार्यकर्ताओं की अति-सक्रियता के चलते मतदान पूर्ण होने के बाद यही कयास लगाये जा रहे थे कि- इस बार भी गांव में माकपा प्रत्याशी आगे रहेगा या बराबर| पर जब मतगणना के परिणाम आये तो गांव के दोनों बूथों पर भाजपा आगे रही|
गांव के कुल १४५० मतों में से ९६४ मत पड़े, जिनमें भाजपा को ४६५, माकपा को ३२१, कांग्रेस को ११० व अन्य को ४४ वोट मिले वहीँ २४ मतदाताओं ने नोटा पर चटका लगाया|
इस बार राज्य चुनावों में चली मोदी लहर का असर गांव में भी व्यापक पैमाने में देखने को मिला, पिछले चुनावों में भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन वर्मा द्वारा आशा के विपरीत ज्यादा वोट प्राप्त करने के कारण भी इस बार भाजपा का खिसका पारम्परिक वोट फिर भाजपा के पक्ष में जीत की उम्मीद कर आ जुटा| और यही कारण था कि इस बार गांव में भाजपा के पक्ष में लहर साफ़ दिखाई दे रही थी| हालाँकि माकपा कार्यकर्ताओं की अति-सक्रियता के चलते मतदान पूर्ण होने के बाद यही कयास लगाये जा रहे थे कि- इस बार भी गांव में माकपा प्रत्याशी आगे रहेगा या बराबर| पर जब मतगणना के परिणाम आये तो गांव के दोनों बूथों पर भाजपा आगे रही|
गांव के कुल १४५० मतों में से ९६४ मत पड़े, जिनमें भाजपा को ४६५, माकपा को ३२१, कांग्रेस को ११० व अन्य को ४४ वोट मिले वहीँ २४ मतदाताओं ने नोटा पर चटका लगाया|
Dec 21, 2013
गांव के मुकन्दाराम ने रिश्वत मांगने वाले भ्रष्ट बिजली कर्मियों को पकड़वाया
भगतपुरा निवासी मुकंदाराम ने अपने कुएं से घर में बिजली का तार लगा रखा था। बुधवार को मुकेश वर्मा व रवि कुमार उसके कुएं पर गए। अवैध रूप से तार
लगाने पर वीसीआर भरने की बात कही। इन्होंने वहां फोटोग्राफी की मुकंदाराम
को ऑफिस में आने की बात कहकर लौट आए।
गुरुवार को मुकंदाराम ऑफिस पहुंचा तो लाइनमैन ने पांच हजार रुपए मांगे, तो उसने शिकायत एसीबी में की। सत्यापान के बाद एसीबी टीम ने कार्रवाई का फैसला किया। लाइनमैन ने मुकंदाराम से कहा कि शुक्रवार को जेईएन को तीन हजार रुपए दे देना। शुक्रवार सुबह वह जेईएन को पैसे देने गया। पैसे लेते ही जेईएन को एसीबी कार्रवाई की भनक लग गई और वह कार लेकर खूड़़ की तरफ चला गया। एसीबी टीम ने पीछा कर उसे दबोच लिया। इसके बाद कार्यालय से लाइनमैन को भी पकड़ गया। आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
@ भास्कर समाचार के अनुसार -
एसीबी ने बिजली निगम के खूड़़ जीएसएस जेईएन मुकेश वर्मा को तीन हजार की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जेईएन ने वीसीआर नहीं भरने की एवज में यह राशि ली थी। वह कार्यालय के ही लाइनमैन रवि कुमार के मार्फत रिश्वत ले रहा था। एसीबी ने लाइनमैन को भी गिरफ्तार कर लिया है।
घूस के लिए पहले पांच हजार रुपए मांगे थे। बाद में तीन हजार में सौदा तय हुआ। एसीबी की गिरफ्त में आए मुकेश वर्मा ने पूछताछ में बिजली निगम को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। उसने एसीबी टीम से कहा है कि साहब, पूरा विभाग ही भ्रष्ट है। बिजली चोरी पकडऩे जाओ तो पैसे बरसते हैं। वीसीआर के नाम पर खूब आमदनी होती है। सब लेते हैं। इसलिए मैं कैसे बच सकता था।
गुरुवार को मुकंदाराम ऑफिस पहुंचा तो लाइनमैन ने पांच हजार रुपए मांगे, तो उसने शिकायत एसीबी में की। सत्यापान के बाद एसीबी टीम ने कार्रवाई का फैसला किया। लाइनमैन ने मुकंदाराम से कहा कि शुक्रवार को जेईएन को तीन हजार रुपए दे देना। शुक्रवार सुबह वह जेईएन को पैसे देने गया। पैसे लेते ही जेईएन को एसीबी कार्रवाई की भनक लग गई और वह कार लेकर खूड़़ की तरफ चला गया। एसीबी टीम ने पीछा कर उसे दबोच लिया। इसके बाद कार्यालय से लाइनमैन को भी पकड़ गया। आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
@ भास्कर समाचार के अनुसार -
एसीबी ने बिजली निगम के खूड़़ जीएसएस जेईएन मुकेश वर्मा को तीन हजार की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जेईएन ने वीसीआर नहीं भरने की एवज में यह राशि ली थी। वह कार्यालय के ही लाइनमैन रवि कुमार के मार्फत रिश्वत ले रहा था। एसीबी ने लाइनमैन को भी गिरफ्तार कर लिया है।
घूस के लिए पहले पांच हजार रुपए मांगे थे। बाद में तीन हजार में सौदा तय हुआ। एसीबी की गिरफ्त में आए मुकेश वर्मा ने पूछताछ में बिजली निगम को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। उसने एसीबी टीम से कहा है कि साहब, पूरा विभाग ही भ्रष्ट है। बिजली चोरी पकडऩे जाओ तो पैसे बरसते हैं। वीसीआर के नाम पर खूब आमदनी होती है। सब लेते हैं। इसलिए मैं कैसे बच सकता था।
Dec 2, 2013
विधान सभा के लिए गांव में शांतिपूर्ण हुआ मतदान
राजस्थान विधानसभा के लिये १ दिसंबर को हुए मतदान के दौरान गांव में शांतिपूर्ण व अनुशासित तरीके से मतदान हुआ| जिसकी प्रशंसा चुनाव केंद्र के दौरे पर आये चुनाव मजिस्ट्रेट ने भी की | कुल १४४० मतों में से ९६४ मत विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के प्रत्याशियों के पक्ष में डाले गये हालाँकि भाजपा व माकपा के पक्ष में मतदाताओं का रुझान ज्यादा रहा|
माकपा व भाजपा कार्यकर्त्ता मतदाताओं को घरों से लाने व उन्हें मतदान के सम्बन्ध में समझाते नजर आये वहीँ कांग्रेस का कमजोर प्रत्याशी होने के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर नहीं आया|
सुबह मतदान शुरू होते ही गांव में रहने वाले मतदाताओं ने मतदान कर भीड़ से बचने का लाभ उठाया वहीँ ढाणियों में रहने वाले मतदाता आखिरी समय तक आते रहे पर दो मतदान केंद्र होने के चलते किसी भी मतदाता को भीड़ का सामना नहीं करना पड़ा!
माकपा व भाजपा कार्यकर्त्ता मतदाताओं को घरों से लाने व उन्हें मतदान के सम्बन्ध में समझाते नजर आये वहीँ कांग्रेस का कमजोर प्रत्याशी होने के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर नहीं आया|
सुबह मतदान शुरू होते ही गांव में रहने वाले मतदाताओं ने मतदान कर भीड़ से बचने का लाभ उठाया वहीँ ढाणियों में रहने वाले मतदाता आखिरी समय तक आते रहे पर दो मतदान केंद्र होने के चलते किसी भी मतदाता को भीड़ का सामना नहीं करना पड़ा!
Apr 28, 2013
अभिमन्यु राजवी भगतपुरा में
पूर्व उप राष्ट्रपति स्व. भैरों सिंह जी शेखावत के दोहिते व राजस्थान भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह राजवी आज स्व. भैरों सिंह जी शेखावत के परम मित्र और राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार व इतिहासकार सौभाग्य सिंह जी शेखावत से मिलने भगतपुरा पधारे| श्री राजवी के साथ भाजपा नेता रिछपाल सिंह जी कविया व सामाजिक कार्यकर्त्ता उम्मेदसिंह करीरी भी भगतपुरा पधारे|
इस अवसर पर श्री सौभाग्य सिंह जी ने अपने परम मित्र स्व.भैरोंसिंह जी को याद करते हुए उनके साथ बीते कई संस्मरण सुनाये जिन्हें उपस्थित सभी ने बड़े मनोयोग से सुना व श्री सौभाग्य सिंह जी के साथ साहित्य व इतिहास पर विस्तार से चर्चा की| श्री राजवी ने सौभाग्य सिंह जी द्वारा की गयी साहित्य साधना व इतिहास पर शोध को एक जगह व्यवस्थित कर शोधार्थियों के लिए एक पुस्तकालय की स्थापना की जरुरत बताई ताकि श्री सौभाग्य सिंह जी का शोध आने वाली पीढ़ी के शोधार्थियों के काम आ सके साथ ही इस सम्बन्ध में अपनी और से भी पूरा सहयोग देने की बात कही|
भाजपा नेता रिछपाल सिंह जी ने भी स्व.भैरों सिंह के साथ अपने संस्मरण व सौभाग्य सिंह जी के साथ अपने मधुर संबंधो को याद करते हुए कई बातें बताई| श्री सौभाग्य सिंह जी द्वारा स्व. भैरों सिंह जी के पहले चुनाव प्रचार के कई किस्से सुनाये जिन्हें श्री राजवी अपने मोबाइल में रिकार्ड करने का लोभ नहीं छोड़ पाये और सौभाग्य सिंह जी द्वारा कहा गया हर एक शब्द अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करते दिखाई दिए|
साहित्य व राजस्थान के इतिहास पर चर्चा के दौरान अभिमन्यु सिंह राजवी का साहित्य व इतिहास पर गहरा ज्ञान व रूचि के बारे में जानकार उपस्थित सभी लोग अभिभूत थे| कार्यक्रम के आखिर में श्री राजवी भगतपुरा स्थित उस ऐतिहासिक जगह भी गये जहाँ से उनके नानोसा स्व.भैरों सिंह जी ने अपने पहले चुनाव का प्रचार अभियान शुरू कर राजनैतिक यात्रा की शुरू की थी|
रतनसिंह,भगतपुरा,अभिमन्युसिंह राजवी, सौभाग्यसिंह जी,रिछपालसिंह कविया,उम्मेदसिंह करीरी व महावीरसिंह भगतपुरा
इस अवसर पर श्री सौभाग्य सिंह जी ने अपने परम मित्र स्व.भैरोंसिंह जी को याद करते हुए उनके साथ बीते कई संस्मरण सुनाये जिन्हें उपस्थित सभी ने बड़े मनोयोग से सुना व श्री सौभाग्य सिंह जी के साथ साहित्य व इतिहास पर विस्तार से चर्चा की| श्री राजवी ने सौभाग्य सिंह जी द्वारा की गयी साहित्य साधना व इतिहास पर शोध को एक जगह व्यवस्थित कर शोधार्थियों के लिए एक पुस्तकालय की स्थापना की जरुरत बताई ताकि श्री सौभाग्य सिंह जी का शोध आने वाली पीढ़ी के शोधार्थियों के काम आ सके साथ ही इस सम्बन्ध में अपनी और से भी पूरा सहयोग देने की बात कही|
भाजपा नेता रिछपाल सिंह जी ने भी स्व.भैरों सिंह के साथ अपने संस्मरण व सौभाग्य सिंह जी के साथ अपने मधुर संबंधो को याद करते हुए कई बातें बताई| श्री सौभाग्य सिंह जी द्वारा स्व. भैरों सिंह जी के पहले चुनाव प्रचार के कई किस्से सुनाये जिन्हें श्री राजवी अपने मोबाइल में रिकार्ड करने का लोभ नहीं छोड़ पाये और सौभाग्य सिंह जी द्वारा कहा गया हर एक शब्द अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करते दिखाई दिए|
साहित्य व राजस्थान के इतिहास पर चर्चा के दौरान अभिमन्यु सिंह राजवी का साहित्य व इतिहास पर गहरा ज्ञान व रूचि के बारे में जानकार उपस्थित सभी लोग अभिभूत थे| कार्यक्रम के आखिर में श्री राजवी भगतपुरा स्थित उस ऐतिहासिक जगह भी गये जहाँ से उनके नानोसा स्व.भैरों सिंह जी ने अपने पहले चुनाव का प्रचार अभियान शुरू कर राजनैतिक यात्रा की शुरू की थी|
रतनसिंह,भगतपुरा,अभिमन्युसिंह राजवी, सौभाग्यसिंह जी,रिछपालसिंह कविया,उम्मेदसिंह करीरी व महावीरसिंह भगतपुरा
Labels:
abhimanyu singh rajvi,
bhairo singh shekhawat,
News,
कार्यक्रम
Jan 26, 2013
गिरवर सिंह शेखावत को गांववासियों की और से बधाइयाँ
नागदा : भगतपुरा गांव के सपूत गिरवर सिंह शेखावत आज ग्रेसिम इंडस्ट्रीज द्वारा वर्ष के श्रेष्ठ कामगार का अवार्ड देते हुए कारखाना प्रबंधकों द्वारा सम्मानित किया गया |
गिरवर सिंह शेखावत को मेहनत व निष्ठापूर्वक कर्तव्य निभाने के लिए सम्मानित होने पर गांव के सभी लोगों की और से हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ|
Jan 15, 2013
धूमधड़ाके से मनाया मकर सक्रांति पर्व
कल मकर सक्रांति का पर्व पुरे गांव में धूमधाम से मनाया गया| भगतपुरा से राजुल शेखावत ने बताया कि- कल गांव के सभी वर्गों के गांव वासियों के घरों में मकर सक्रांति का पर्व मनाने को सुबह ही तिल के लड्डू व मिठाइयाँ बनायीं गई| गांव की महिलाएं जहाँ पकवान बनाने में व्यस्त रही, वहीं गांव के युवाओं ने इस अवसर पर पतंगे उड़ाकर कर व संगीत की धुनों पर नाच यह पर्व मनाया|
गांव के सभी युवा ठाकुर फ़तेह सिंह जी की हवेली की छत पर सुबह छ: बजे ही एकत्र हो गए थे जहाँ उनके नाच गाने के लिए संगीत हेतु डीजे आदि की व्यवस्था अर्जुन सिंह, जोरावर सिंह, सुरेन्द्र सिंह व लोकेन्द्र सिंह सेवा आदि ने मिलकर कर रखी थी| जहाँ शाम छ: बजे तक गांव के युवा राजस्थानी संगीत की मधुर स्वर लहरियों के साथ नाचते हुए मकर सक्रांति का पर्व मनाते रहे साथ ही कुछ युवा पतंगबाजी में व्यस्त रहे|ज्ञात हो मकर सक्रांति के पर्व पर शेखावाटी आँचल में पतंगे उड़ाने का विशेष चलन रहा है|
पतंग बाजी में भवानी सिंह शेखावत जहाँ दूसरों द्वारा उड़ाई पतंगे काटने में अव्वल रहा वहीं कटी पतंगे लूटने में भी अव्वल रहा|
आखिर शाम छ: बजे बाद अँधेरा होने पर दो लेम्प लगी पतंगे उड़ाकर युवाओं ने इस कार्यक्रम को समाप्त किया|
Sep 14, 2012
"भू-मीत" पत्रिका में भगतपुरा
ग्रामीण भारत की मासिक पत्रिका "भू-मीत" के 16 अगस्त से 15 सितम्बर अंक में भगतपुरा के जीतेन्द्र शेखावत पर छपा लेख
इस लेख को यहाँ क्लिक कर पत्रिका के डिजिटल अंक में भी पढ़ा जा सकता है (पेज नंबर ३४-३५)
इस लेख को यहाँ क्लिक कर पत्रिका के डिजिटल अंक में भी पढ़ा जा सकता है (पेज नंबर ३४-३५)
Jul 17, 2012
गांव का रा.उच्च प्राथमिक विद्यालय
देश की आजादी के बाद गांवों में शिक्षा का प्रसार करने के लिए सरकार ने गांवों में स्कूलें खोली उसी दौरान सन् 1953 में हमारे गांव भगतपुरा में भी प्राथमिक शिक्षा स्तर की "राजकीय प्राथमिक विद्यालय" की स्थापना की गयी| गांव के पास ही के कस्बे के रहने वाले श्री चांदमल जी शर्मा इस विद्यालय के प्रथम प्रधानाध्यापक बने| स्कूल बनने के पहले वर्ष में लगभग पच्चीस छात्रों ने शिक्षा ग्रहण करने की शुरुआत की|
विद्यालय की स्थापना के समय ही गांव वालों ने विद्यालय के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध करा दी थी उसी भूमि पर दो कमरे बनाकर स्कूल की शुरुआत की गयी|
मैंने भी गांव के इसी स्कूल से प्राथमिक तक शिक्षा ग्रहण की है हमारे समय तक स्कूल में तीन पक्के कमरे, एक बड़ा हाल जिसकी छत पर लोहे के चद्दर थे आज भी मुझे याद है| गर्मियों में स्कूल के बाहर एक बड़े खेजड़े के पेड़ के नीचे लगी हमारी क्लास के दृश्य अभी भी आँखों में समाये है|
1977 में जब राजस्थान में श्री भैरोंसिंह जी मुख्यमंत्री बने तब उनकी बनायीं योजना के तहत गांव की प्राथमिक स्कूल को प्रमोन्नत कर उच्च प्राथमिक स्तर तक किया गया| प्राथमिक शिक्षा के बाद गांव के छोटे छोटे बच्चों को पास ही के कस्बे खुड में आगे की शिक्षा के लिए चार किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था| जो प्रमोन्नत होने के बाद छात्रों को दूर जाने की समस्या से छुटकारा मिल गया|
गांव में दो प्राइवेट स्कूल होने के बाद भी गांव के इस सरकारी विद्यालय ने अपना महत्त्व नहीं खोया, आज भी इस विद्यालय में 115 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है|
कक्षा आठवीं तक के छात्रों को पढाने के लिए यहाँ कुल छ: अध्यापक है| पड़ौसी गांव के निवासी श्री भंवरलाल वर्मा वर्तमान में इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक है जिनके निर्देशन में गांव की इस स्कूल का परीक्षा परिणाम पिछले पांच वर्षों में १००% रहा है|
यही नहीं वर्ष 2003 में इसी स्कूल के एक वरिष्ठ अध्यापक श्री सुल्ताना राम जी, निवासी गोठड़ा तगेलान को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया गया था|
पूर्व अध्यापकों श्री लक्ष्मण राम जी बेनीवाल,श्री इन्द्रसिंह जी शेखावत,श्री सोहनलाल जी काला,श्री मुरारीलाल जी शर्मा आदि ने भी अपने अपने कार्यकाल के दौरान इस स्कूल में शिक्षा स्तर को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देकर अपने कर्तव्य का पुरी तरह पालन किया|जिसे आज भी उनके छात्र याद करते है|
विद्यालय की स्थापना के समय ही गांव वालों ने विद्यालय के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध करा दी थी उसी भूमि पर दो कमरे बनाकर स्कूल की शुरुआत की गयी|
मैंने भी गांव के इसी स्कूल से प्राथमिक तक शिक्षा ग्रहण की है हमारे समय तक स्कूल में तीन पक्के कमरे, एक बड़ा हाल जिसकी छत पर लोहे के चद्दर थे आज भी मुझे याद है| गर्मियों में स्कूल के बाहर एक बड़े खेजड़े के पेड़ के नीचे लगी हमारी क्लास के दृश्य अभी भी आँखों में समाये है|
1977 में जब राजस्थान में श्री भैरोंसिंह जी मुख्यमंत्री बने तब उनकी बनायीं योजना के तहत गांव की प्राथमिक स्कूल को प्रमोन्नत कर उच्च प्राथमिक स्तर तक किया गया| प्राथमिक शिक्षा के बाद गांव के छोटे छोटे बच्चों को पास ही के कस्बे खुड में आगे की शिक्षा के लिए चार किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था| जो प्रमोन्नत होने के बाद छात्रों को दूर जाने की समस्या से छुटकारा मिल गया|
गांव में दो प्राइवेट स्कूल होने के बाद भी गांव के इस सरकारी विद्यालय ने अपना महत्त्व नहीं खोया, आज भी इस विद्यालय में 115 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है|
कक्षा आठवीं तक के छात्रों को पढाने के लिए यहाँ कुल छ: अध्यापक है| पड़ौसी गांव के निवासी श्री भंवरलाल वर्मा वर्तमान में इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक है जिनके निर्देशन में गांव की इस स्कूल का परीक्षा परिणाम पिछले पांच वर्षों में १००% रहा है|
यही नहीं वर्ष 2003 में इसी स्कूल के एक वरिष्ठ अध्यापक श्री सुल्ताना राम जी, निवासी गोठड़ा तगेलान को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया गया था|
पूर्व अध्यापकों श्री लक्ष्मण राम जी बेनीवाल,श्री इन्द्रसिंह जी शेखावत,श्री सोहनलाल जी काला,श्री मुरारीलाल जी शर्मा आदि ने भी अपने अपने कार्यकाल के दौरान इस स्कूल में शिक्षा स्तर को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देकर अपने कर्तव्य का पुरी तरह पालन किया|जिसे आज भी उनके छात्र याद करते है|
Labels:
गावं के बारे में,
गांव के शिक्षा केन्द्र,
सुविधाएँ
Jun 26, 2012
एक शिक्षित युवा का कृषि प्रेम
जीतू (जितेन्द्र शेखावत) बचपन से ही अपने माता पिता के साथ शहर में ही पला बढ़ा, शहर में रहते हुए विज्ञान स्नातक (बी.एस.सी ) तक की शिक्षा ग्रहण की| शहरों के दूसरे बच्चों की तरह जीतू को भी ब्रांडेड कपड़े पहनने ,चश्में व अन्य आधुनिक तकनीकि से लैश गैजेट रखने का शौक था और अब भी है| शिक्षा पूरी करने के बाद जीतू के पिताजी ने उसे शहर में एक शोरूम भी व्यवसाय करने हेतु खुलवा दिया, जिस पर उसे अच्छी कमाई होने लगी पर जीतू में मन में तो शहर की आप-धापी से दूर गांव के खेतों की शांति घर जमाये बैठी थी|
सो अपने पिता के रिटायर होते ही जीतू भी अपना जमा जमाया शोरूम अपने छोटे भाई के हवाले कर पिता के साथ गांव आ गया| और पिता के साथ अपने खेत के कृषि कार्य में लग गया| आज भी खेत से बाहर जब भी जीतू किसी को मिलता है तो कोई सोच भी नहीं सकता कि -कंधे पर लेपटॉप लटकाए, ब्रांडेड कपड़े पहने, हाथ में दो आधुनिक तकनीकि से लैश मोबाइल लिए मिलने वाला व फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला जीतू कृषि कार्य भी कर सकता है ? पर यह एकदम सच है कि यही बी.एस.सी तक शिक्षित जीतू जब खेतों में पहुँचता है तो अपने ब्रांडेड कपड़े खोल ठीक उसी तरह कृषि कार्य में लग जाता है जैसे गांव का कोई आम किसान लगता है| फावड़े से कहीं गड्ढा खोदना हो, घास काटनी हो,ट्रेक्टर ट्रोली में प्याज के कट्टे लादने हो या गेहूं की बोरियां लादनी हो जीतू के साथ काम करने वाले मजदूर भी उसका मुकाबला नहीं कर सकते|
और हां दिनभर कृषि कार्य करने,पशु आहार बेचने के बाद शाम होते ही देर रात तक जीतू गांव के कई छात्रों को अंग्रेजी विषय भी पढाता है|
पिछले दिनों गांव अपनी गांव यात्रा के दौरान जब मैं जीतू व उसके पापा से मिलने उनके खेत में गया तो जीतू कृषि कार्य में लगा था, उसे कृषि कार्य करते देख एक बार तो मुझे भी यकीन नहीं हुआ कि शहर में पला बढ़ा, शिक्षित युवक इस तरह कृषि कार्य में तल्लीनता से लग सकता है ?
दोनों पिता पुत्र से औपचारिक बात चीत के बाद कृषि पर काफी देर तक मेरी चर्चा हुई| दोनों ही कृषि कार्य में आने वाली लागत और उसके बाद कृषि उपज का मंडियों में बहुत कम मूल्य मिलने की बात से चिंतित थे पर दोनों का मानना था कि अब किसान परम्परागत खेती से मुनाफा नहीं कमा सकता साथ ही मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं के चलते अब खेतों में होने वाली मजदूर कमी के वाबजूद वे ही किसान खेती करने में कामयाब होंगे जो खूद मेहनत कर सकते है और जो मजदूरों पर निर्भर नहीं है| साथ ही कृषि कार्य के साथ पशुपालन भी जरुरी है अकेली कृषि से मुनाफा कमाकर किसान के लिए घर चलाना भी मुश्किल है इसी परेशानी को देखते हुए जीतू व उसके पिता ने कृषि के साथ पशुपालन का कार्य अपनाते हुए कई सारी भेड़ बकरियां भी पाली है जिन्हें खिलाने के लिए चारे के लिए इन्होंने शहर से गांव आते ही कुछ वर्ष पहले ही अपने खेत की मेड पर पेड लगा दिए थे जो भेड़ बकरियों के लिए अब चारा उपलब्ध करावा देते है|कृषि के साथ पशुपालन करने से एक और फायदा होता है - खेत में प्रचुर मात्रा में खाद मिल जाती है|
दोनों पिता पुत्र का मानना है कि फसल निकलते ही मंडियों में उपज का सही मूल्य नहीं मिलता इसलिए इन्होंने अपने खेत में ही अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए एक बहुत बड़ा चद्दर का शेड बनवा लिया जिसके नीचे अपनी उपज को कई महीनों तक रखकर अच्छे भाव मिलने पर बेचा जा सके|
इस तरह दोनों पिता पुत्र अपनी शहरी पृष्ठ भूमि व कारखानों में कार्य करने के बावजूद आज उस खेती में भी सफल है जिसमे परम्परागत किसान कुछ भी मुनाफा नहीं कमा पाता |
एक तरफ गांव से पढ़ लिखकर गांव के युवक गांव छोड़ शहरों की ओर पलायन कर रहें है वहीँ जीतू ने शहर छोड़, शहर में अपना जमा जमाया शोरूम छोड़, अपनी अच्छी शिक्षा के बावजूद गांव में आकर कृषि कार्य को अपनाया यह कोई कम बड़ी बात नहीं| उसके पिता भी चाहते तो रिटायर होने के बाद अन्य लोगों की तरह ही शहर में बस सकते थे पर शहर में अपना बना बनाया मकान छोड़ जीतू के साथ अपने पूर्वजों द्वारा छोड़ी जमीन पर कृषि कार्य कर रहे है|
यह उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है जो यह सोचते है कि गांवों में कुछ नहीं रखा, तरक्की करनी हो तो शहरों की ओर ही पलायन करो| पर जीतू और उसके पिता दोनों ने ही इस बात को झुठलाया है कि कमाई सिर्फ शहरों में ही नहीं गांव में भी की जा सकती है|
सो अपने पिता के रिटायर होते ही जीतू भी अपना जमा जमाया शोरूम अपने छोटे भाई के हवाले कर पिता के साथ गांव आ गया| और पिता के साथ अपने खेत के कृषि कार्य में लग गया| आज भी खेत से बाहर जब भी जीतू किसी को मिलता है तो कोई सोच भी नहीं सकता कि -कंधे पर लेपटॉप लटकाए, ब्रांडेड कपड़े पहने, हाथ में दो आधुनिक तकनीकि से लैश मोबाइल लिए मिलने वाला व फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला जीतू कृषि कार्य भी कर सकता है ? पर यह एकदम सच है कि यही बी.एस.सी तक शिक्षित जीतू जब खेतों में पहुँचता है तो अपने ब्रांडेड कपड़े खोल ठीक उसी तरह कृषि कार्य में लग जाता है जैसे गांव का कोई आम किसान लगता है| फावड़े से कहीं गड्ढा खोदना हो, घास काटनी हो,ट्रेक्टर ट्रोली में प्याज के कट्टे लादने हो या गेहूं की बोरियां लादनी हो जीतू के साथ काम करने वाले मजदूर भी उसका मुकाबला नहीं कर सकते|
और हां दिनभर कृषि कार्य करने,पशु आहार बेचने के बाद शाम होते ही देर रात तक जीतू गांव के कई छात्रों को अंग्रेजी विषय भी पढाता है|
पिछले दिनों गांव अपनी गांव यात्रा के दौरान जब मैं जीतू व उसके पापा से मिलने उनके खेत में गया तो जीतू कृषि कार्य में लगा था, उसे कृषि कार्य करते देख एक बार तो मुझे भी यकीन नहीं हुआ कि शहर में पला बढ़ा, शिक्षित युवक इस तरह कृषि कार्य में तल्लीनता से लग सकता है ?
दोनों पिता पुत्र से औपचारिक बात चीत के बाद कृषि पर काफी देर तक मेरी चर्चा हुई| दोनों ही कृषि कार्य में आने वाली लागत और उसके बाद कृषि उपज का मंडियों में बहुत कम मूल्य मिलने की बात से चिंतित थे पर दोनों का मानना था कि अब किसान परम्परागत खेती से मुनाफा नहीं कमा सकता साथ ही मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं के चलते अब खेतों में होने वाली मजदूर कमी के वाबजूद वे ही किसान खेती करने में कामयाब होंगे जो खूद मेहनत कर सकते है और जो मजदूरों पर निर्भर नहीं है| साथ ही कृषि कार्य के साथ पशुपालन भी जरुरी है अकेली कृषि से मुनाफा कमाकर किसान के लिए घर चलाना भी मुश्किल है इसी परेशानी को देखते हुए जीतू व उसके पिता ने कृषि के साथ पशुपालन का कार्य अपनाते हुए कई सारी भेड़ बकरियां भी पाली है जिन्हें खिलाने के लिए चारे के लिए इन्होंने शहर से गांव आते ही कुछ वर्ष पहले ही अपने खेत की मेड पर पेड लगा दिए थे जो भेड़ बकरियों के लिए अब चारा उपलब्ध करावा देते है|कृषि के साथ पशुपालन करने से एक और फायदा होता है - खेत में प्रचुर मात्रा में खाद मिल जाती है|
दोनों पिता पुत्र का मानना है कि फसल निकलते ही मंडियों में उपज का सही मूल्य नहीं मिलता इसलिए इन्होंने अपने खेत में ही अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए एक बहुत बड़ा चद्दर का शेड बनवा लिया जिसके नीचे अपनी उपज को कई महीनों तक रखकर अच्छे भाव मिलने पर बेचा जा सके|
इस तरह दोनों पिता पुत्र अपनी शहरी पृष्ठ भूमि व कारखानों में कार्य करने के बावजूद आज उस खेती में भी सफल है जिसमे परम्परागत किसान कुछ भी मुनाफा नहीं कमा पाता |
एक तरफ गांव से पढ़ लिखकर गांव के युवक गांव छोड़ शहरों की ओर पलायन कर रहें है वहीँ जीतू ने शहर छोड़, शहर में अपना जमा जमाया शोरूम छोड़, अपनी अच्छी शिक्षा के बावजूद गांव में आकर कृषि कार्य को अपनाया यह कोई कम बड़ी बात नहीं| उसके पिता भी चाहते तो रिटायर होने के बाद अन्य लोगों की तरह ही शहर में बस सकते थे पर शहर में अपना बना बनाया मकान छोड़ जीतू के साथ अपने पूर्वजों द्वारा छोड़ी जमीन पर कृषि कार्य कर रहे है|
यह उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है जो यह सोचते है कि गांवों में कुछ नहीं रखा, तरक्की करनी हो तो शहरों की ओर ही पलायन करो| पर जीतू और उसके पिता दोनों ने ही इस बात को झुठलाया है कि कमाई सिर्फ शहरों में ही नहीं गांव में भी की जा सकती है|
Jun 24, 2012
गांव का "ब्राईट फ्यूचर कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर"
रोजगार के अलावा अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए भी गांवों से लोगों का पलायन जारी है| गांव में फ़ौज की नौकरी करने वाले ज्यादातर सैनिकों की बीबियाँ गांव के आस-पास के शहरों में अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए किराए के घरों में रहती है तो कई शहरों में अपने घर बनाकर गांव से पलायन ही कर जाती है| इस वजह से गांव में उनकी बड़ी बड़ी हवेलियाँ, मकान व खेत खिलहान सुने हो जाते है|
हमारे गांव के भी कई परिवार रोजगार व अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए गांव से पलायन कर गए उनकी सुनी पड़ी हवेलियाँ इस बात की पुष्टि करती है कि-"यदि गांव में रोजगार के उचित अवसरों के साथ यदि बच्चों के अच्छी शिक्षा व्यवस्था होती तो आज उन परिवारों को गांव से पलायन कर शहरों में विस्थापित नहीं होना पड़ता|
लेकिन अब गांव की परिस्थितियां बदली है, पहले की अपेक्षा गांव में रोजगार के साधन बढ़ें ही है और साथ ही शिक्षा के लिए भी पर्याप्त साधन बढ़ें है| आज गांव में दसवीं तक पढ़ाई के लिए अंग्रेजी माध्यम की प्राइवेट स्कुल संचालित है तो उसके बाद पास ही कस्बे लोसल में बड़ी संख्या में अच्छे स्कुल खुले है जिनकी बसें गांव में छात्रों को लेने के लिए आ जाती है साथ ही गांव से महज एक डेढ़ किलोमीटर दूर बाबा खिंवादास महाविद्यालय है जहाँ से छात्र आसानी से अपनी कालेज की पढ़ाई गांव में ही रहकर पूरी कर सकतें है|
गांव में व आस-पास के कस्बे में कई अच्छे स्कुल व कालेज होने के बावजूद गांव लोगों को अपने बच्चों को नई तकनीकि के साथ चलने हेतु कंप्यूटर शिक्षा के लिए सेंटर की आवश्यकता महसूस हो रही थी जिसे समझा गांव की ही एक होनहार बालिका सुश्री सोनम शेखावत ने|
सोनम शेखावत ने इस कमी को महसूस करते हुए खासकर बालिकाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए गांव में अध्यापन कार्य से जुड़े रामकुमार कुमावत के साथ मिलकर "ब्राईट फ्यूचर कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर" की 19 अगस्त 2011 को स्थापना की| जिसमे कंप्यूटर शिक्षा से सम्बंधित कई विषय सफलता के साथ पढाये जाते है जैसे-RS-CIT(RKCL) ,DCA ,PGDCA,"o" Level ,photoshop, tally ,BCA आदि आदि|
आज सोनम शेखावत के इस कंप्यूटर सेंटर में साठ बच्चे व बालिकाएं कंप्यूटर शिक्षा ग्रहण कर रहे है, पढाने के लिए सोनम के साथ रामकुमार कुमावत भी जी जान से जुटे है| यह कंप्यूटर सेंटर सरकार से भी मान्यता प्राप्त है, यहाँ कई ऐसे कोर्स भी है जिन्हें पढ़ने वालों को सरकारी सहायता भी मिलती है|
इन दोनों के प्रयासों के चलते ही आज भगतपुरा गांव में छोटे छोटे बच्चे तक कंप्यूटर शिक्षा में पारंगत है व गांव से बच्चों को शिक्षा दिलवाने के नाम पर होने वाले शहरों की ओर पलायन में बहुत कमी आई है| साथ ही इसी वजह से आज गांव का कोई बच्चा ऐसा नहीं होगा जो इस भगतपुरा ब्लॉग को ना पढता हो|
हमारे गांव के भी कई परिवार रोजगार व अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए गांव से पलायन कर गए उनकी सुनी पड़ी हवेलियाँ इस बात की पुष्टि करती है कि-"यदि गांव में रोजगार के उचित अवसरों के साथ यदि बच्चों के अच्छी शिक्षा व्यवस्था होती तो आज उन परिवारों को गांव से पलायन कर शहरों में विस्थापित नहीं होना पड़ता|
लेकिन अब गांव की परिस्थितियां बदली है, पहले की अपेक्षा गांव में रोजगार के साधन बढ़ें ही है और साथ ही शिक्षा के लिए भी पर्याप्त साधन बढ़ें है| आज गांव में दसवीं तक पढ़ाई के लिए अंग्रेजी माध्यम की प्राइवेट स्कुल संचालित है तो उसके बाद पास ही कस्बे लोसल में बड़ी संख्या में अच्छे स्कुल खुले है जिनकी बसें गांव में छात्रों को लेने के लिए आ जाती है साथ ही गांव से महज एक डेढ़ किलोमीटर दूर बाबा खिंवादास महाविद्यालय है जहाँ से छात्र आसानी से अपनी कालेज की पढ़ाई गांव में ही रहकर पूरी कर सकतें है|
गांव में व आस-पास के कस्बे में कई अच्छे स्कुल व कालेज होने के बावजूद गांव लोगों को अपने बच्चों को नई तकनीकि के साथ चलने हेतु कंप्यूटर शिक्षा के लिए सेंटर की आवश्यकता महसूस हो रही थी जिसे समझा गांव की ही एक होनहार बालिका सुश्री सोनम शेखावत ने|
सोनम शेखावत ने इस कमी को महसूस करते हुए खासकर बालिकाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए गांव में अध्यापन कार्य से जुड़े रामकुमार कुमावत के साथ मिलकर "ब्राईट फ्यूचर कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर" की 19 अगस्त 2011 को स्थापना की| जिसमे कंप्यूटर शिक्षा से सम्बंधित कई विषय सफलता के साथ पढाये जाते है जैसे-RS-CIT(RKCL) ,DCA ,PGDCA,"o" Level ,photoshop, tally ,BCA आदि आदि|
आज सोनम शेखावत के इस कंप्यूटर सेंटर में साठ बच्चे व बालिकाएं कंप्यूटर शिक्षा ग्रहण कर रहे है, पढाने के लिए सोनम के साथ रामकुमार कुमावत भी जी जान से जुटे है| यह कंप्यूटर सेंटर सरकार से भी मान्यता प्राप्त है, यहाँ कई ऐसे कोर्स भी है जिन्हें पढ़ने वालों को सरकारी सहायता भी मिलती है|
इन दोनों के प्रयासों के चलते ही आज भगतपुरा गांव में छोटे छोटे बच्चे तक कंप्यूटर शिक्षा में पारंगत है व गांव से बच्चों को शिक्षा दिलवाने के नाम पर होने वाले शहरों की ओर पलायन में बहुत कमी आई है| साथ ही इसी वजह से आज गांव का कोई बच्चा ऐसा नहीं होगा जो इस भगतपुरा ब्लॉग को ना पढता हो|
Jun 17, 2012
मीडिया में भगतपुरा ब्लॉग की चर्चा
Mar 18, 2012
गांव की नवनिर्मित गौ-शाला
आज देश के पशुधन में से यदि किसी पशु की सबसे ज्यादा दुर्गति हो रही है तो वह है गौ-धन| देशी नस्ल की गायें जो ज्यादा दूध नहीं देती पशुपालकों को फायदेमंद नहीं लगती परिणाम स्वरूप पशुपालकों ने देशी गायों को छोड़ना शुरू कर दिया| और घर से निकाले जाने के बाद ऐसे गायें आवारा घूमने लगी आखिर उन्हें भी तो भोजन चाहिए सो भूखी गायें अपनी भूख मिटाने किसानों की खेतों में खड़ी फसलों पर आक्रमण करने लगी| परिणाम स्वरुप किसान भी अपनी फसलें गायों द्वारा उजाड़ने पर त्रस्त हुए|
हमारे गांव भगतपुरा में भी यही हुआ आस-पास के गांवों की छोड़ी गायों के झुण्ड ने किसानों की फसलों को नुक्सान पहुंचाकर किसानों की नींद हराम करदी|
गांव में हर वर्ष किसान किसी सुनी पड़ी हवेली में गायों को बंद कर वहां उनके लिए चारा डालकर अपनी फसलों को बचाने का अस्थाई उपाय अक्सर हर वर्ष करते रहते थे|
गांव के किसानों की मुसीबत और गायों को दुर्दशा से बचाने को आखिर गांव के समाजसेवी श्री रामनिवास मिश्रा पुत्र श्री जयकिशन जी मिश्रा ने गांव में एक गौ-शाला बनाने का निश्चय किया और उन्होंने गांव में एक गौ-शाला का बिना किसी की सहायता के निर्माण भी करा दिया और आज यह गौ-शाला सुचारू रूप से चल रही है सत्तर से अधिक गाये जो आवारा घुमती थी को इस गौ-शाला में आराम से रहने को आश्रय मिल गया है इस गौ-शाला के बनने के बाद जहाँ सत्तर से अधिक गायों की हालात में सुधार आया है वहीँ गाँव के कृषकों को भी सकून मिला है|
गांव के किसानों को गौ-शाला बनाने व इसे संचालित करने के लिए श्री रामनिवास मिश्रा का आभार मानते हुए इसके सञ्चालन में सक्रीय भागीदारी निभानी चाहिए साथ हर खेत से इन गायों के लिए हर वर्ष कम से कम एक गाड़ी चारा अवश्य भिजवाना चाहिए| इस गौ-शाला का सफल सञ्चालन ही गांव के किसानों के लिए फायदेमंद है|
भगतपुरा.कॉम इस शानदार गौ-शाला के निर्माण और संचालन के लिए श्री रामनिवास जी मिश्रा का हार्दिक आभार प्रकट करती है|
हमारे गांव भगतपुरा में भी यही हुआ आस-पास के गांवों की छोड़ी गायों के झुण्ड ने किसानों की फसलों को नुक्सान पहुंचाकर किसानों की नींद हराम करदी|
गांव में हर वर्ष किसान किसी सुनी पड़ी हवेली में गायों को बंद कर वहां उनके लिए चारा डालकर अपनी फसलों को बचाने का अस्थाई उपाय अक्सर हर वर्ष करते रहते थे|
गांव के किसानों की मुसीबत और गायों को दुर्दशा से बचाने को आखिर गांव के समाजसेवी श्री रामनिवास मिश्रा पुत्र श्री जयकिशन जी मिश्रा ने गांव में एक गौ-शाला बनाने का निश्चय किया और उन्होंने गांव में एक गौ-शाला का बिना किसी की सहायता के निर्माण भी करा दिया और आज यह गौ-शाला सुचारू रूप से चल रही है सत्तर से अधिक गाये जो आवारा घुमती थी को इस गौ-शाला में आराम से रहने को आश्रय मिल गया है इस गौ-शाला के बनने के बाद जहाँ सत्तर से अधिक गायों की हालात में सुधार आया है वहीँ गाँव के कृषकों को भी सकून मिला है|
गांव के किसानों को गौ-शाला बनाने व इसे संचालित करने के लिए श्री रामनिवास मिश्रा का आभार मानते हुए इसके सञ्चालन में सक्रीय भागीदारी निभानी चाहिए साथ हर खेत से इन गायों के लिए हर वर्ष कम से कम एक गाड़ी चारा अवश्य भिजवाना चाहिए| इस गौ-शाला का सफल सञ्चालन ही गांव के किसानों के लिए फायदेमंद है|
भगतपुरा.कॉम इस शानदार गौ-शाला के निर्माण और संचालन के लिए श्री रामनिवास जी मिश्रा का हार्दिक आभार प्रकट करती है|
Sep 23, 2011
महाराव शेखाजी की प्रतिमा अनावरण समारोह में बड़े जोश से भाग लिया ग्रामवासियों ने
20 सितम्बर 2011 को शेखावाटी के रलावता गांव में संपन्न हुए महाराव शेखाजी की प्रतिमा के अनावरण समारोह में भगतपुरा वासियों ने भी बड़े जोश के साथ भाग लिया|ज्ञात हो २० सितम्बर को शेखावाटी व शेखावत वंश के प्रतिष्ठाता,नारी सम्मान के रक्षक और साम्प्रदायिक सदभाव के प्रतीक महाराव शेखाजी के स्मारक पर राव शेखाजी की नवनिर्मित प्रतिमा का अनावरण महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने किया था|
इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल शिवराज पाटिल,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,केन्द्रीय मंत्री भंवर जीतेन्द्रसिंह,महादेवसिंह खंडेला,सचिन पायलट,राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष श्री दीपेंद्रसिंह शेखावत,शाहपुरा के राव राजेंद्रसिंह के अलावा शिक्षाविद और राष्ट्रपति के पति डा.देवीसिंह शेखावत व कांग्रेस के महासचिव श्री दिग्विजयसिंह ने समारोह में शिरकत की|
इस अवसर पर राजस्थान के सभी दलों के विद्यायक व कई सांसद भी शरीक हुए|
ग्राम भगतपुरा से प्रतिमा समारोह में जाने के लिए क्षत्रिय युवक संघ के कार्यकर्ताओं ने निशुल्क बस की सुविधा उपलब्ध कराई जिसमे बैठकर सैंकडों कार्यकर्त्ता व ग्रामीण समारोह स्थल पहुंचे| इसके अलावा गांव के कई परिवार समारोह स्थल तक अपने परिवारों के साथ अपने निजी वाहनों से पहुंचे|
समारोह में जाने के लिए तैयारी करते ग्रामवासी
समारोह में जाने के लिए तैयारी करते ग्रामवासी
महाराव शेखाजी की जयकार करते रलावता प्रस्थान करते क्षत्रिय युवक संघ,भगतपुरा के कार्यकर्त्ता
इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल शिवराज पाटिल,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,केन्द्रीय मंत्री भंवर जीतेन्द्रसिंह,महादेवसिंह खंडेला,सचिन पायलट,राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष श्री दीपेंद्रसिंह शेखावत,शाहपुरा के राव राजेंद्रसिंह के अलावा शिक्षाविद और राष्ट्रपति के पति डा.देवीसिंह शेखावत व कांग्रेस के महासचिव श्री दिग्विजयसिंह ने समारोह में शिरकत की|
इस अवसर पर राजस्थान के सभी दलों के विद्यायक व कई सांसद भी शरीक हुए|
ग्राम भगतपुरा से प्रतिमा समारोह में जाने के लिए क्षत्रिय युवक संघ के कार्यकर्ताओं ने निशुल्क बस की सुविधा उपलब्ध कराई जिसमे बैठकर सैंकडों कार्यकर्त्ता व ग्रामीण समारोह स्थल पहुंचे| इसके अलावा गांव के कई परिवार समारोह स्थल तक अपने परिवारों के साथ अपने निजी वाहनों से पहुंचे|
समारोह में जाने के लिए तैयारी करते ग्रामवासी
समारोह में जाने के लिए तैयारी करते ग्रामवासी
महाराव शेखाजी की जयकार करते रलावता प्रस्थान करते क्षत्रिय युवक संघ,भगतपुरा के कार्यकर्त्ता
Aug 29, 2011
श्री क्षत्रिय युवक संघ शिविर
दिनांक 28 अगस्त 2011 से 30 अगस्त 2011 तक गांव में श्री क्षत्रिय युवक संघ का तीन दिवसीय शिविर श्री शिवलालसिंह जी,राजपुरा व श्री गौरीशंकरजी,दीपपुरा के सानिध्य में चल रहा है जिसमे सैंकडों क्षत्रिय युवक भाग ले रहे है|
कार्यक्रम में भाग लेते क्षत्रिय युवक
कार्यक्रम में भाग लेते क्षत्रिय युवक
संघ के शिविर में विचार विमर्श करते हुए बुजुर्ग क्षत्रिय
शिविर में पुस्तकों का अवलोकन करते हुए क्षत्रिय युवक
Sep 13, 2010
एक साधारण पर एतिहासिक जगह
चित्र में टूटी फूटी छप्पर वाली यह जगह आपको बेशक एक साधारण जगह दिखाई दे रही है पर भगतपुरा स्थित यह एतिहासिक जगह भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति स्व.श्री भैरू सिंह जी की स्मृतियों से जुडी है | यह वही जगह है जहाँ श्री भैरूसिंह जी ने अपनी राजनैतिक यात्रा की शुरुआत के लिए 1952 के चुनाव में पहली चुनावी रणनीतिक मंत्रणा बैठक की थी |
1952 के चुनाव में स्व.बाबोसा (भैरूसिंह जी) ने अपने बचपन के मित्र और सहयोगी राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार श्री सोभाग्यसिंह जी के साथ यही बैठकर चुनाव प्रचार के लिए पहली मंत्रणा की व यहीं से अपना चुनाव अभियान शुरू किया |
1952 के इस चुनाव में हालाँकि दोनों मित्र आमने सामने चुनाव लड़ने वाले थे पर श्री सोभाग्यसिंह जी का रामराज्य परिषद् पार्टी से भरा नामांकन पत्र कुछ त्रुटियों के चलते निरस्त हो गया था | बाद में इस स्थान पर चुनावी रणनीतिक मंत्रणा के बाद आदरणीय बाबोसा श्री सोभाग्यसिंह जी के साथ यही से चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े और वह चुनाव जीतकर पहली बार राजस्थान विधानसभा पहुंचे और बाद में अपनी राजनैतिक यात्रा के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने के बाद भारत के उपराष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया |
स्व.बाबोसा की इस जगह पर एक बार फिर आकर स्मृतियाँ ताजा करने की इच्छा थी जो उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने से ठीक पहले बीकानेर स्थित श्री सोभाग्यसिंह जी के घर पर उनकी एक पुस्तक का विमोचन करने के बाद व्यक्त की थी पर अपनी व्यस्त राजनैतिक दिनचर्या के चलते वे यहाँ दुबारा नहीं आ सके |
बीकानेर स्थित श्री सोभाग्यसिंह जी के घर 1952 के अपने पहले चुनाव की स्मृतियाँ ताजा करते हुए स्व.बाबोसा साथ में है श्री सोभाग्यसिंहजी व राजस्थान के पूर्व मंत्री श्री राजेंद्रसिंह राठौड़
हठीलो राजस्थान-9 |
शर्त जीतने हेतु उस वीर ने अपना सिर काटकर दुर्ग में फेंक दिया |
नरेगा की वजह से महंगाई में वृद्धी
ताऊ पहेली - 91 (Bhoram Dev Temple-Chattisgarh)
Subscribe to:
Posts (Atom)