एक साल से भी ज्यादा समय पहले सूबेदार मूलसिंह जी के प्रयासों से राजस्थान पथ परिवहन निगम ने गांव के बस स्टेंड पर सभी द्रुतगामी बसों को रुकने का आदेश दिया था, उपरोक्त आदेश में सीकर आगार को गांव की किराया सूची निर्धारित करने के साथ अन्य आगारों की एक्सप्रेस बसों को भगतपुरा में रुकवाने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन राजस्थान रोड़वेज के कमचारियों की लापरवाही का नतीजा देखिये कि जोनल मैनेजर द्वारा व्यक्तिगत रूप से रूचि लेने के बावजूद कर्मचारियों ने एक साल से ज्यादा समय बीतने के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया|
एक तरह राजस्थान रोड़वेज घाटे का रोना रोती रहती है वहीं दूसरी और उसके लापरवाह कर्मचारियों की लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते निगम को घाटा उठाना पड़ता है साथ ही यात्रियों को घंटों बसों का इन्तजार करना पड़ता और बसें एक्सप्रेस के नाम पर खाली दौड़ती रहती है|
पिछली एक साल में पूर्व उपसरपंच राजकुमार शर्मा के साथ ग्रामीण कई बार अधिकारीयों से मिले और अपनी समस्या बताई पर फिर भी कर्मचारियों के कानों पर जूं नहीं रैंगी|
२ अप्रेल को भी पूर्व सरपंच महावीर सिंह व रतन सिंह ने सीकर जोनल मैनेजर से मिलकर यह मुद्दा उठाया तो वो भी हैरान थे कि महीनों पहले दिए उनके निर्देश का पालन नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत जिम्मेदार कर्मचारी को बुलाकर हिदायत दी कि - भगतपुरा बस स्टेंड पर द्रुतगामी बसों को रोकने की कार्यवाही सात दिन के भीतर हो जानी चाहिये|
ग्रामीणों की इस समस्या के लिए दैनिक भास्कर अख़बार ने आवाज उठाई जिसके लिए सभी ग्रामवासी की और दैनिक भास्कर के सीकर संपादक व संवाददाता का हार्दिक आभार|
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