आज देश के पशुधन में से यदि किसी पशु की सबसे ज्यादा दुर्गति हो रही है तो वह है गौ-धन| देशी नस्ल की गायें जो ज्यादा दूध नहीं देती पशुपालकों को फायदेमंद नहीं लगती परिणाम स्वरूप पशुपालकों ने देशी गायों को छोड़ना शुरू कर दिया| और घर से निकाले जाने के बाद ऐसे गायें आवारा घूमने लगी आखिर उन्हें भी तो भोजन चाहिए सो भूखी गायें अपनी भूख मिटाने किसानों की खेतों में खड़ी फसलों पर आक्रमण करने लगी| परिणाम स्वरुप किसान भी अपनी फसलें गायों द्वारा उजाड़ने पर त्रस्त हुए|
हमारे गांव भगतपुरा में भी यही हुआ आस-पास के गांवों की छोड़ी गायों के झुण्ड ने किसानों की फसलों को नुक्सान पहुंचाकर किसानों की नींद हराम करदी|
गांव में हर वर्ष किसान किसी सुनी पड़ी हवेली में गायों को बंद कर वहां उनके लिए चारा डालकर अपनी फसलों को बचाने का अस्थाई उपाय अक्सर हर वर्ष करते रहते थे|
गांव के किसानों की मुसीबत और गायों को दुर्दशा से बचाने को आखिर गांव के समाजसेवी श्री रामनिवास मिश्रा पुत्र श्री जयकिशन जी मिश्रा ने गांव में एक गौ-शाला बनाने का निश्चय किया और उन्होंने गांव में एक गौ-शाला का बिना किसी की सहायता के निर्माण भी करा दिया और आज यह गौ-शाला सुचारू रूप से चल रही है सत्तर से अधिक गाये जो आवारा घुमती थी को इस गौ-शाला में आराम से रहने को आश्रय मिल गया है इस गौ-शाला के बनने के बाद जहाँ सत्तर से अधिक गायों की हालात में सुधार आया है वहीँ गाँव के कृषकों को भी सकून मिला है|
गांव के किसानों को गौ-शाला बनाने व इसे संचालित करने के लिए श्री रामनिवास मिश्रा का आभार मानते हुए इसके सञ्चालन में सक्रीय भागीदारी निभानी चाहिए साथ हर खेत से इन गायों के लिए हर वर्ष कम से कम एक गाड़ी चारा अवश्य भिजवाना चाहिए| इस गौ-शाला का सफल सञ्चालन ही गांव के किसानों के लिए फायदेमंद है|
भगतपुरा.कॉम इस शानदार गौ-शाला के निर्माण और संचालन के लिए श्री रामनिवास जी मिश्रा का हार्दिक आभार प्रकट करती है|
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