राज्य में हाल ही सम्पन्न हुये विधानसभा चुनावों में गांव में भाजपा का पलड़ा भारी रहा, हालाँकि गांव के अधिसंख्य मतदाता भाजपा का पारम्परिक वोट बैंक है फिर भी पिछले चार चुनावों में लगातार माकपा की जीत के चलते गांव में भाजपा के काफी पारम्परिक वोट माकपा की और खिसक गये थे, वैसे भी इन चुनावों से पहले हुये ज्यादातर चुनावों में भाजपा यहाँ तीसरे स्थान पर होने के कारण भी उसके पारम्परिक वोट अन्य पार्टियों की और खिसके गये थे|
इस बार राज्य चुनावों में चली मोदी लहर का असर गांव में भी व्यापक पैमाने में देखने को मिला, पिछले चुनावों में भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन वर्मा द्वारा आशा के विपरीत ज्यादा वोट प्राप्त करने के कारण भी इस बार भाजपा का खिसका पारम्परिक वोट फिर भाजपा के पक्ष में जीत की उम्मीद कर आ जुटा| और यही कारण था कि इस बार गांव में भाजपा के पक्ष में लहर साफ़ दिखाई दे रही थी| हालाँकि माकपा कार्यकर्ताओं की अति-सक्रियता के चलते मतदान पूर्ण होने के बाद यही कयास लगाये जा रहे थे कि- इस बार भी गांव में माकपा प्रत्याशी आगे रहेगा या बराबर| पर जब मतगणना के परिणाम आये तो गांव के दोनों बूथों पर भाजपा आगे रही|
गांव के कुल १४५० मतों में से ९६४ मत पड़े, जिनमें भाजपा को ४६५, माकपा को ३२१, कांग्रेस को ११० व अन्य को ४४ वोट मिले वहीँ २४ मतदाताओं ने नोटा पर चटका लगाया|