देश में बेरोजगारी की दर भले कितनी ही बढ़ रही हो, लेकिन गांवों में हालात यह है कि किसी भी छोटे मोटे काम यथा- निर्माण, कृषि आदि के लिए श्रमिकों की जबरदस्त कमी है|
भगतपुरा भी इस श्रमिक समस्या से अछूता नहीं है, यहाँ भी घर की पुताई करवानी हो, खेती बाड़ी के काम करवाने हो, निर्माण कार्य करवाना हो मजदूरों की भारी कमी है| जबकि ऐसा नहीं है कि गांव में बेरोजगार युवक नहीं है| पुरे देश की तरह गांव में भी बेरोजगारी की समस्या है पर हर बेरोजगार को कुर्सी वाली नौकरी चाहिए कोई भी मेहनत नहीं करना चाहता और जो लोग मेहनती है, उन्हें मजदूरी करने से फुर्सत नहीं मिलती| उनकी हर तरफ मांग है|
गांव में छोटू सिंह एक ऐसा ही मेहनतकश युवा है जिसकी हर तरफ डिमांड है, कोई उससे खेजड़ी कटवाना चाहता है तो कोई पुताई | यही नहीं छोटू सिंह किसी एक काम का पूरा नहीं कर पाता उससे पहले सुबह सुबह उसे कोई दूसरा व्यक्ति घर से पकड़ अपने यहाँ काम पर ले जाने को पहुँच जाता है| छोटू सिंह के कार्य की मांग देखते हुए साफ़ लग रहा है कि आने समय में श्रम का कार्य करने वालों की सबसे ज्यादा पूछ होगी, उन्हें मुंह माँगा पारिश्रमिक दिया जायेगा|
भगतपुरा भी इस श्रमिक समस्या से अछूता नहीं है, यहाँ भी घर की पुताई करवानी हो, खेती बाड़ी के काम करवाने हो, निर्माण कार्य करवाना हो मजदूरों की भारी कमी है| जबकि ऐसा नहीं है कि गांव में बेरोजगार युवक नहीं है| पुरे देश की तरह गांव में भी बेरोजगारी की समस्या है पर हर बेरोजगार को कुर्सी वाली नौकरी चाहिए कोई भी मेहनत नहीं करना चाहता और जो लोग मेहनती है, उन्हें मजदूरी करने से फुर्सत नहीं मिलती| उनकी हर तरफ मांग है|
गांव में छोटू सिंह एक ऐसा ही मेहनतकश युवा है जिसकी हर तरफ डिमांड है, कोई उससे खेजड़ी कटवाना चाहता है तो कोई पुताई | यही नहीं छोटू सिंह किसी एक काम का पूरा नहीं कर पाता उससे पहले सुबह सुबह उसे कोई दूसरा व्यक्ति घर से पकड़ अपने यहाँ काम पर ले जाने को पहुँच जाता है| छोटू सिंह के कार्य की मांग देखते हुए साफ़ लग रहा है कि आने समय में श्रम का कार्य करने वालों की सबसे ज्यादा पूछ होगी, उन्हें मुंह माँगा पारिश्रमिक दिया जायेगा|
No comments:
Post a Comment