भगतपुरा निवासी मुकंदाराम ने अपने कुएं से घर में बिजली का तार लगा रखा था। बुधवार को मुकेश वर्मा व रवि कुमार उसके कुएं पर गए। अवैध रूप से तार
लगाने पर वीसीआर भरने की बात कही। इन्होंने वहां फोटोग्राफी की मुकंदाराम
को ऑफिस में आने की बात कहकर लौट आए।
गुरुवार को मुकंदाराम ऑफिस पहुंचा तो लाइनमैन ने पांच हजार रुपए मांगे, तो
उसने शिकायत एसीबी में की। सत्यापान के बाद एसीबी टीम ने कार्रवाई का फैसला
किया। लाइनमैन ने मुकंदाराम से कहा कि शुक्रवार को जेईएन को तीन हजार रुपए
दे देना। शुक्रवार सुबह वह जेईएन को पैसे देने गया। पैसे लेते ही जेईएन को
एसीबी कार्रवाई की भनक लग गई और वह कार लेकर खूड़़ की तरफ चला गया। एसीबी
टीम ने पीछा कर उसे दबोच लिया। इसके बाद कार्यालय से लाइनमैन को भी पकड़
गया। आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
@ भास्कर समाचार के अनुसार -
एसीबी ने बिजली निगम के खूड़़ जीएसएस जेईएन मुकेश वर्मा को तीन
हजार की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जेईएन ने वीसीआर नहीं भरने की
एवज में यह राशि ली थी। वह कार्यालय के ही लाइनमैन रवि कुमार के मार्फत
रिश्वत ले रहा था। एसीबी ने लाइनमैन को भी गिरफ्तार कर लिया है।
घूस के लिए पहले पांच हजार रुपए मांगे थे। बाद में तीन हजार में सौदा तय
हुआ। एसीबी की गिरफ्त में आए मुकेश वर्मा ने पूछताछ में बिजली निगम को ही
कठघरे में खड़ा कर दिया। उसने एसीबी टीम से कहा है कि साहब, पूरा विभाग ही
भ्रष्ट है। बिजली चोरी पकडऩे जाओ तो पैसे बरसते हैं। वीसीआर के नाम पर खूब
आमदनी होती है। सब लेते हैं। इसलिए मैं कैसे बच सकता था।
बगैर किसी को पूछे सीधी फांशी लगा देनी चाहिए ,
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