Welcome to Bhagatpura, Dist. Sikar (Rajasthan)

Sep 7, 2008

मेरी भगतपुरा यात्रा



शक्ति सिंह शेखावत [हिरवा ]
अगस्त के पहले हफ्ते में भगतपुरा जाने का मौका मिला हम सुबह कार से इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे से महावीर सिंह जी जो इटली से आ रहे थे को लेकर भगतपुरा रवाना हुए ,कोटपुतली से सीकर के बीच जब हम पहाडियों से गुजरे तो सहसा विश्वास ही नही हो रहा था की हम राजस्थान में है मोसम भी बहुत अच्छा था में तो पुरे रस्ते बारिश की कामना करते हुए जा रहा था लेकिन थोडी बूंदा बांदी ही हुई | शाम लगभग चार बजे हम भगतपुरा पहुंचे मुझे तो भगतपुरा गावं बहुत ही अच्छा लगा ,सीमेंट की सड़के,मन्दिर, स्कूल,स्वास्थ्य केन्द्र ,पेट्रोल पम्प सारी शहरों वाली सुविधा और वातावरण व माहोल गावं वाला | बबलू व भरत से तो मिलकर ही मजा आ गया खैर मुझे इस गावं में रुकने का ज्यादा मौका नही मिला और रुकने की इच्छा मन में दबाते हुए ही हमें दुसरे दिन जल्दी ही दिल्ली के लिए निकलना पड़ा ,सीकर के बाद बस उन्ही पहाडियों से होते हुए हम दिल्ली की तरफ बढ रहे थे मानेसर के बाद में जिस बारिश की कामना कर रहा था वो मुसलाधार बन कर आ ही गई | अब अगली बार मौका मिला तो इस इतने अच्छे गावं में जरुर ज्यादा समय तक ठहरूंगा |

6 comments:

  1. Bhai, bhagatpura ke bare men thoda jyada vivran dena tha. kahan se kitani duri par hai. vahan ki koi sanskratik ya etihasik baat, koi kivdanti ho, aisi jaankari blog padhne walon ke liye upyogi ho sakti hai.

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  2. मौसम सुहाना हो और शहर की दौड़ भाग से दूर शांत गांव-क्या बात है. जरुर घूमिये आगे भी मौका लगते ही.

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  3. भाई शेखावत जी आपके कमेन्ट के बाद आपके ब्लॉग पर आके देखा ! आप तो बिल्कुल मेरे ही जिले के हो ! मेरा गाँव तो रामपुरा
    (पाटन) तहसील नीमकाथाना है ! अब वहाँ कोई नही रहता ! पर हर साल खाटू श्यामजी के यहाँ
    आना होता है ! रींगस हाईस्कूल में हमारा मेट्रिक का एक्जाम सेंटर था ! ये १९६८ की बात होगी !
    सो वहाँ भी ३ सप्ताह रुके थे ! स्कुल का नाम कुंजीलाल या ऐसे ही कुछ था ! रेलवे स्टेसन के पास ! अलबता हरयाना में ससुराल पक्ष होने से लगातार जाना होता है !
    आपने जो चित्र लगा रखे है वो देख कर जैसे गाँव में ही पहुँच गया ! कोटपुतली का जिक्र आपने किया !
    अब तो बहुत बड़ा कस्बा हो गया ! मेरी ननिहाल है वहाँ पर ! आपसे परिचय अच्छा लगा ! मिलते रहियेगा !

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  5. bhot chokho lagyo sa. mhe bhi mhare gaon parlika ro blog banasyaan. aap to aapre gaon ro naam roshan kar diyo sa. shrdhey sobhagysingji su mhai kai baar milyo hun. vaa ra nibandh ghana e baanchya h. mhara pge laagna kehijyo sa. foro vhe to mhari kahaniyaan bi banchiyo sa. padharo ar dekho mharo yo pryas....

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