
शक्ति सिंह शेखावत [हिरवा ]
अगस्त के पहले हफ्ते में भगतपुरा जाने का मौका मिला हम सुबह कार से इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे से महावीर सिंह जी जो इटली से आ रहे थे को लेकर भगतपुरा रवाना हुए ,कोटपुतली से सीकर के बीच जब हम पहाडियों से गुजरे तो सहसा विश्वास ही नही हो रहा था की हम राजस्थान में है मोसम भी बहुत अच्छा था में तो पुरे रस्ते बारिश की कामना करते हुए जा रहा था लेकिन थोडी बूंदा बांदी ही हुई | शाम लगभग चार बजे हम भगतपुरा पहुंचे मुझे तो भगतपुरा गावं बहुत ही अच्छा लगा ,सीमेंट की सड़के,मन्दिर, स्कूल,स्वास्थ्य केन्द्र ,पेट्रोल पम्प सारी शहरों वाली सुविधा और वातावरण व माहोल गावं वाला | बबलू व भरत से तो मिलकर ही मजा आ गया खैर मुझे इस गावं में रुकने का ज्यादा मौका नही मिला और रुकने की इच्छा मन में दबाते हुए ही हमें दुसरे दिन जल्दी ही दिल्ली के लिए निकलना पड़ा ,सीकर के बाद बस उन्ही पहाडियों से होते हुए हम दिल्ली की तरफ बढ रहे थे मानेसर के बाद में जिस बारिश की कामना कर रहा था वो मुसलाधार बन कर आ ही गई | अब अगली बार मौका मिला तो इस इतने अच्छे गावं में जरुर ज्यादा समय तक ठहरूंगा |