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Jan 22, 2010
गांव का लाल छाया इटली के अख़बारों में
सोमावर १८ जनवरी २०१० : इटली के लुम्बार्डिया प्रान्त के मुख्यमंत्री द्वारा मिलान शहर में आयोजित प्रतिभा खोज (Brilliant Mind) समारोह में लुम्बार्डिया प्रान्त के २२००० छात्रों ने भाग लिया जिसमे भगतपुरा गांव में जन्मे छात्र भरत सिंह शेखावत सहित पांच होनहार छात्रों का चयन कर लुम्बार्डिया प्रान्त के मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया |
जयपुर से दसवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद भरत शेखावत इटली में इलेक्ट्रोनिक्स का पांच वर्षीय डिप्लोमा कर रहा है | इटली जैसे विकसित देश के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा में एक ऐसे छात्र का चयन होना जिसे आज से पांच साल पहले तक इटालियन भाषा का क ख ग तक पता नहीं था का चयन होना हमारे गांव ही नहीं बल्कि पुरे प्रान्त और देश के लिए गौरव की बात है |
इटली के मशहूर म्यूजिक डाइरेक्टर मुत्ती के साथ भरत शेखावत
लुम्बार्डिया (इटली ) के मुख्यमंत्री ,म्यूजिक डाइरेक्टर मुत्ती व industrial association की प्रेसिडेंट ema marcegaglia के साथ भरत
भरत शेखावत को इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ |
Jun 7, 2009
परिचय:महावीर सिंह शेखावत
गांव के कुछ लोगों के परिचय की इस श्रृंख्ला में आज प्रस्तुत कर रही हूँ मेरे काकोसा (चाचाजी) महावीर सिंह जी शेखावत का परिचय :-
आपका जन्म भगतपुरा गांव में ही श्री मदन सिंह जी शेखावत के घर २५ मार्च १९६९ को हुआ था | श्री कल्याण कालेज सीकर से अपनी पढाई पूरी करने के बाद कुछ दिन दिल्ली में कार्य किया उसके बाद कई वर्षों तक जयपुर की एक कंपनी में लेखाकार का कार्य करने के बाद आप ८ साल पहले इटली चले आये | जहाँ आप अपने परिवार सहित (भैया भरत सिंह व विवेक सिंह सहित ) इटली के मिलान शहर के पास रहते हुए मिलान शहर में ही एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है | गांव व सीकर की स्थानीय राजनीती में गहरी रूचि रखने व मिलनसार स्वभाव के चलते आपको गांव का हर व्यक्ति पसंद करता है | गांव व सीकर की स्थानीय राजनीती में रूचि का पता इसी बात से चलता है कि हमें गांव व स्थानीय राजनीती के समाचार दिल्ली में वाया इटली आपसे ही पता चलते है | पिछले दिनों २८ मार्च २००९ को मेरे भैया की शादी में चाचाजी खास तौर पर इटली से भगतपुरा पधारे थे और अपनी मित्र मंडली के साथ शादी में नाचने का भरपूर मजा लेते हुए खूब धमा-चौकडी मचाई | चाचाजी आपकी अगली भारत यात्रा का इंतजार रहेगा |
आपका जन्म भगतपुरा गांव में ही श्री मदन सिंह जी शेखावत के घर २५ मार्च १९६९ को हुआ था | श्री कल्याण कालेज सीकर से अपनी पढाई पूरी करने के बाद कुछ दिन दिल्ली में कार्य किया उसके बाद कई वर्षों तक जयपुर की एक कंपनी में लेखाकार का कार्य करने के बाद आप ८ साल पहले इटली चले आये | जहाँ आप अपने परिवार सहित (भैया भरत सिंह व विवेक सिंह सहित ) इटली के मिलान शहर के पास रहते हुए मिलान शहर में ही एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है | गांव व सीकर की स्थानीय राजनीती में गहरी रूचि रखने व मिलनसार स्वभाव के चलते आपको गांव का हर व्यक्ति पसंद करता है | गांव व सीकर की स्थानीय राजनीती में रूचि का पता इसी बात से चलता है कि हमें गांव व स्थानीय राजनीती के समाचार दिल्ली में वाया इटली आपसे ही पता चलते है | पिछले दिनों २८ मार्च २००९ को मेरे भैया की शादी में चाचाजी खास तौर पर इटली से भगतपुरा पधारे थे और अपनी मित्र मंडली के साथ शादी में नाचने का भरपूर मजा लेते हुए खूब धमा-चौकडी मचाई | चाचाजी आपकी अगली भारत यात्रा का इंतजार रहेगा |
Nov 16, 2008
जयनारायण बाबा
जयनारायण बाबा हमारे गाँव भगतपुरा का नाई है जिसे हम सभी बच्चे नाई बाबा कहकर पुकारते है, नाई बाबा को लोग भले ही गाँव का छोटा आदमी समझे लेकिन गाँव में इनके कार्यों की अहमियत कुछ और ही है , सिर्फ़ बाल काटना ही नही गांव में किसी भी घर में होने वाले छोटे बड़े समारोह में नाई बाबा की अहमियत सबसे ज्यादा रहती है सबको समारोह में निमंत्रण देने के साथ ही खाना बनाने और कई सारी व्यवस्थाये नाई बाबा के हाथ में ही होती है जो वे बड़ी बखूबी पुरी मुस्तेदी के साथ निभाते है |
हमारे घर और अन्य घर जो जो जयनारायण बाबा के हिस्से में है के यहाँ जब भी कोई मेहमान ही आ जाए तो नाई बाबा तुंरत घर आ जाते है और मेहमानों की आवभगत का सारा कार्य तुंरत अपने हाथ में ले लेते है | मेहमानों के लिय यदि भोजन में मीट बनाना हुवा तो वो नाई बाबा ही बनाते है,सभी सब्जियों व मिठाईयों के साथ ही बाबा मीट बनाने के भी पुरे उस्ताद है | सर्दियों के दिनों में दादा जी नाई बाबा से हल्दी वाला मीट बनवाते है जो एक बना देने के बाद कई दिनों तक थोड़ा थोड़ा गर्म करके दवाई के तौर पर खाते है |चूँकि इस मीट में हल्दी की बहुतायत होती है जो बड़े बुजुर्गों को जोडो के दर्द में राहत पहुचाती है
जोधपुर में तो इसके लिए कच्ची हल्दी की सब्जी बना कर खायी जाती है |
Sep 2, 2008
ठाकुर भगत सिंह जी ,खूड
Aug 5, 2008
श्री सोभाग्य सिंह शेखावत,भगतपुरा : संक्षिप्त परिचय
Rajul Shekhawat
प्राचीन राजस्थानी साहित्य के मर्मघे विद्वान् एवं मूर्धन्य साहित्यकार श्री सोभाग्य सिंह जी का जन्म २२ जुलाई १९२४ को सीकर जिले के भगतपुरा गाँव में हुआ राजपूत परिवार में जन्मे श्री शेखावत के पैत्रिक गाँव के समीपस्त खूड आपके पूर्वजों का बड़ा ठिकाना रहा है श्री शेखावत पिछले पॉँच दशक से राजस्थानी प्राचीन साहित्य के उद्धार और अनुशीलन के लिए शोध कर्म से जुड़े हुये है इस क्षेत्र में अपनी उत्क्रष्ट एवं सुदीर्घ सेवाओ से श्री शेखावत राजस्थानी शोध जगत का पर्याय बन चुकें है आपने राजस्थानी साहित्य को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने में अहम् भूमिका निभाई है राजस्थान ,राजस्थानी भाषा और सस्कृति पर शोध और इतिहास लेखन करने वाले विद्धवानो के प्रकाशित ग्रंथों के सन्दर्भ लेखों में श्री शेखावत का जगह जगह प्रकाशित नाम और उनके सन्दर्भ उन्हें राजस्थानी मनीषी के रूप में प्रतिष्ठापित करते है शोध लेखन के साथ ही आपने राजस्थानी भाषा की डिंगल शैली की अनेक महत्वपूर्ण पांडुलिपियों को संपादित कर उनका उद्धार किया
1-आपकी प्रकाशित कृतियाँ
१-राजस्थानी निबंध संग्रह (१९७४) २- राजस्थानी साहित्य संपदा (१९७७) ३- पूजां पाँव कविसरा (१९७७)
४-राजस्थानी साहित्य संस्कृति और इतिहास (१९९१) ५- जीणमाता ६- राजऋषि मदन सिंह दांता
७- भक्तवर रघुवीर सिंह जावली जीवन परिचय ८- राजस्थानी वार्ता भाग -३ (१९५७)
९-राजस्थानी वार्ता भाग -४ १०- राजस्थानी वार्ता भाग -५ ११-राजस्थानी वार्ता भाग -७
१२-राजस्थानी वीर गीत संग्रह प्रथम भाग १३- विन्हे रासो (१९६६) १४- बलवन विलास (१९७२)
१५- राजस्थानी वीर गीत द्वितीये भाग १६- राजस्थानी वीर गीत संग्रह तृतीये भाग
१७- राजस्थानी वीर गीत संग्रह चतुर्थ भाग १८- जाडा मेह्डू ग्रन्थावली
१९- डून्गरसी रतनु ग्रंथावली (१९७९) २०- स्वतंत्रता सेनानी डुंगजी जवाहर जी (१९७२)
२१- कविराज बाँकीदास आशिया ग्रंथावली प्रथम खंड (१९८५)
२२- कविराज बाँकीदास आशिया ग्रंथावली द्वितीय खंड (१९८७) २३- मारवाड़ रा उमराव ऋ बारता
२४- इसरदान नामक विभिन्न चारण कवि २५- चारण साहित्य की मर्म परीक्षा
२६-राजस्थानी शोध संस्थान के हस्तलिखित ग्रंथों की सूची भाग -३
२७- राजस्थानी साहित्य और इतिहास सम्बन्धी प्रकाशित ग्रंथों की सूची
२८- शेखावाटी के वीर गीत २९- मालाणि के लोक गीत ३०- कहवाट विलास
३१- कविराज बाँकीदास ३२- वीर भोग्या वसुंधरा ३३- गज उद्धार ग्रन्थ
३४- राजस्थानी हिन्दी शब्दकोष प्रथम खंड संशोधन परिवर्धन -संपादन
३५- रसीले राज रा गीत (सहयोग) ३७- राजा उमेद सिंघ सिसोदिया रा वीर गीत (सहयोग)
३७-एतिहासिक रुके परवाने (सहयोग) ३८- अजीत विलास (सहयोग) ३९-माता जी रि वचनिका (सहयोग)
४०- डा. टेसीटोरी का राजस्थानी ग्रन्थ सर्वेक्षण (सहयोग) ४१- सुर्येमल्ल मिषण विसेषांक (सहयोग)
४२-वीर सतसई राजस्थानी टीका (सहयोग) ४३- राजलोक साहित्य (सहयोग) ४४-मोहणोत नेणसी (सहयोग)
४५- रणरोल काव्य ४७- अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा नई दिल्ली सताब्दी समारोह स्मारिका संपादन
४७-पत्र दस्तावेज (महाराज कुमार रघुवीर सिंह जी एवं सोभाग्ये सिंह का पत्र व्यवहार )
४८ - पत्र प्रकाश ( इतिहासकार सुरजन सिंह एवं सोभाग्य सिंह के पत्र )
४९- ठिकाना खूड एवं दांता का इतिहास
आपकी अन्य ग्रंथों की भूमिका लेखन
१- राव शेखा - (सुरजन सिंह शेखावत ) २- मीरां बाई - (डा. कल्याण सिंह शेखावत )
३- जोबन म्हारा देश रो (राम सिंह सोलंकी ) ४- होनहार के खेल - (तन सिंह जी )
५- स्वतंत्रता के पुजारी महाराणा प्रताप सिंह -( कुंवर देवी सिंह मंडवा )
६- चांपवातों का इतिहास -( ठाकुर मोहन सिंह कानोता) ७- राणा रासो -(दयालदास राव )
८- केसरी सिंह गुण रासो ९- मारवाडी व्याकरण - (पंडित रामकरन शर्मा आसोपा )
१०- राजपूत शाखाओं का इतिहास - ठाकुर देवी सिंह मंडवा ११- हिये रा हरफ -डा. प्रकाश उम्रावत
१२- हम्मीरदे के कछवाह - ठाकुर मोहन सिंघ कानोता १३-मरुधर री मठोठ - गिरधरदान रतनु
१४- शार्दुल प्रकाश एवं करवाड राज्य का संक्षिप्त इतिहास - गिरवर सिंह १९९५
आपने निम्न पदों पर कार्य किया
१- संपादक सुप्रभात (मासिक हस्तलिखित ) १९४४-४५
२-संपादक मासिक "संघर्ष" - जयपुर १९४७-५२
३- शोध साक्षर, साहित्य संस्थान (राजस्थान विद्यापीठ) उदयपुर १९५७-६३
४- सहायक निदेशक , राजस्थानी शोध संस्थान चौपासनी ,जोधपुर १९६३-८०
५-संपादक राजस्थानी शब्दकोष (राजस्थानी हिन्दी व्रहद कोश ) १९८२-८४
६-सदस्य संचालिका ,राजस्थानी साहित्य अकादमी ,उदयपुर
७-सदस्य कार्यकारणी , राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,बीकानेर
८- परामर्शी सदस्य , श्री शार्दुल शेखावाटी शोध संस्थान ,काली पहाड़ी , झुंझुनू
९- सदस्य श्री खिंची शोध संस्थान ,इन्द्रोका , जोधपुर
१०-अवरफेलो संस्कृति एवं शिक्षा मंत्रालय , भारत सरकार ,नई दिल्ली १९७९-८१
११-सचिव शेखावाटी अनुसन्धान समिति श्री सार्दुल एजुकेशन ट्रस्ट , झुंझुनू
१२- चेयरमैन , राजस्थानी भाषा उनयन एवं संवेधानिक मान्यता समिति (राजस्थान सरकार द्वारा गठित १९९०)
१३-चेयरमैन , राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी , बीकानेर
१४-राज्य प्रतिनिधि एवं सदस्य ,राजस्थानी परामर्श मंडल , साहित्य अकादमी ,नई दिल्ली १९९८-२००२
१५-सर्वेक्षण जयपुर मंडल The Indian National Trust and Cultural Heritage (1984-86)
१६- संपादक एवं परामर्शी सदस्य (त्रेमासिक शोध पत्रिकाएं ) - वरदा बिसाऊ ,शेखावाटी, मरुभारती पिलानी,
अनवेष्णा , लोकनिधि-उदयपुर , राजस्थान रत्नाकर ,मज्झिमिका ,वैचारिकी ,वरदाई, विश्वम्भरा,
जागतिजोत आदि
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