Nov 16, 2008
जयनारायण बाबा
जयनारायण बाबा हमारे गाँव भगतपुरा का नाई है जिसे हम सभी बच्चे नाई बाबा कहकर पुकारते है, नाई बाबा को लोग भले ही गाँव का छोटा आदमी समझे लेकिन गाँव में इनके कार्यों की अहमियत कुछ और ही है , सिर्फ़ बाल काटना ही नही गांव में किसी भी घर में होने वाले छोटे बड़े समारोह में नाई बाबा की अहमियत सबसे ज्यादा रहती है सबको समारोह में निमंत्रण देने के साथ ही खाना बनाने और कई सारी व्यवस्थाये नाई बाबा के हाथ में ही होती है जो वे बड़ी बखूबी पुरी मुस्तेदी के साथ निभाते है |
हमारे घर और अन्य घर जो जो जयनारायण बाबा के हिस्से में है के यहाँ जब भी कोई मेहमान ही आ जाए तो नाई बाबा तुंरत घर आ जाते है और मेहमानों की आवभगत का सारा कार्य तुंरत अपने हाथ में ले लेते है | मेहमानों के लिय यदि भोजन में मीट बनाना हुवा तो वो नाई बाबा ही बनाते है,सभी सब्जियों व मिठाईयों के साथ ही बाबा मीट बनाने के भी पुरे उस्ताद है | सर्दियों के दिनों में दादा जी नाई बाबा से हल्दी वाला मीट बनवाते है जो एक बना देने के बाद कई दिनों तक थोड़ा थोड़ा गर्म करके दवाई के तौर पर खाते है |चूँकि इस मीट में हल्दी की बहुतायत होती है जो बड़े बुजुर्गों को जोडो के दर्द में राहत पहुचाती है
जोधपुर में तो इसके लिए कच्ची हल्दी की सब्जी बना कर खायी जाती है |
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जयनारायण बाबा के बारे पढ कर बहुत अच्छा लगा, कितनी मेहनत करते है यह लोग क्या इन्हे इस मेहनत कापुरा हक मिलता होगा??
ReplyDeleteधन्यवाद
हमारे गांव के लोग बहुत अच्छे है इसलिए जयनारायण दादा को तो मेहनताना पुरा ही मिलाता है हर कोई इनकी ख्वाईश का ख्याल भी रखता है पर सब गांवों में जयनारायण जेसे लोगों को शायद ही इनके जितना पारिश्रमिक और सम्मान मिल पाता होगा |
ReplyDeleteRatan singh ji...
ReplyDeletegaon ki bahut achhi tasveer aapne dikhayee...sadhuwad..
mujhe shekhawati ke bare mein kuch sawal poochne hain aapse...agar aap apna email mere address par bhejne ki kripa karein..
mera email hai...brajmohan.singh@gmail.com
वाह, जयनारायण में तो परम्परा और आधुनिकता का सटीक मेल है - टीशर्ट जम रही है!
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