पिछले कई वर्षों की तुलना में इस वर्ष गांव में अच्छी बारिस हुई जिसके चलते गांव में जिधर नजर दौड़ाई जाये उधर ही बाजरे,मुंग,मोठ,गवार आदि की लहलाती फसल व हरियाली ही हरियाली पसरी नजर आती है |
गांव की इस बार की यात्रा में मैं सोमवार सुबह २.३० बजे ही पहुँच गया था लगभग तीन घंटे सोने के बाद जैसे नींद खुली चिड़ियों की चहचाहट,मोरों की पिहू-पिहू और तितर की किल्लू-किल्लू की मन भावन कलरव आवाजे सुनाई देने लगी हाँ इस बार तलाई में ठीक ठाक पानी इक्कठा होने के बावजूद में रात्रि में मेंढकों की टर्र टर्र सुनाई नहीं दी | वरना मेंढकों का संगीत तो रात भर सुनना पड़ता था ..
खैर सुबह उठते ही दैनिक कार्यों से निवृत हो बच्चो के साथ खेतों की यात्रा शुरुआत की गयी ,भरत और विवेक भी इटली से गांव आये हुए थे उन्हें भी खेतों में गए कई वर्ष हो चुके थे सो आज उन्होंने भी खेतों में मेरे साथ घुमने व खेतो में फोटो खिंचवाने का पूरा लुफ्त उठाया |
"यह दुनियां" | ज्ञान दर्पण
बारिश में जहां शहर डूब रहे हैं, वहीं गांव लहलहा रहे हैं।
ReplyDeleteहमारे गाँव में भी बाजरे का जलवा देखने लायाक है......
ReplyDeleteअच्छा लगा पढ़ कर .. और फोटो भी लाजवाब हैं
ReplyDeleteबहुत सुंदर जी, सभी चित्र भी बहुत सुंदर लगे,धन्यवाद
ReplyDeleteअबकी बार खेतों में फसल बाकि वर्षो की अपेक्षा बहुत अच्छी है। यह सब बारिश का ही प्रभाव हे।
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ReplyDeleteJAI MATA JI KI
ReplyDeleteGAON KE HARE BHARE KHETOAN KO DEKH KAR ACCH LAGA.APNE GAON KO INTERNET PER DEKH KAR KHUSHI HUI.
FROM-GIRWAR SINGH SHEKHAWAT(NAGDA)